ये जो रात में जागा करते हैं
ये जो रात में जागा करते हैं
हम नींद से धोखा करते हैं
कभी चाँद से कभी जुगनू से
हम तेरी ही चर्चा करते हैं
तन्हाई के हर आलम में
बस तुझको सोचा करते हैं
इक हकीकत से अंजान बने
इक ख्वाब का पीछा करते हैं
रईस खान
ये जो रात में जागा करते हैं
हम नींद से धोखा करते हैं
कभी चाँद से कभी जुगनू से
हम तेरी ही चर्चा करते हैं
तन्हाई के हर आलम में
बस तुझको सोचा करते हैं
इक हकीकत से अंजान बने
इक ख्वाब का पीछा करते हैं
रईस खान
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