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Showing posts from June, 2022

चाँद होगा ना चाँदनी होगी : रईस खान

चाँद होगा ना चाँदनी होगी दिल जलाकर ही रोशनी होगी इन जुगनुओं का साथ भी क्या साथ राह में फिर भी तीरगी होगी उसके चेहरे पे लिखेंगे गज़ल उसकी आँखों पे शायरी होगी फूल खिलने लगे हैं बागों में वो हलके से कहीं हंसी होगी सारा दिन ज़िक्र आपका होगा रात भर बात आपकी होगी एक दिन आप मिल जायेंगे एक दिन साथ ज़िंदगी होगी रईस खान

Anabiya

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जब दर्द ए दिल का किस्सा पढ़ना

जब दर्द ए दिल का किस्सा पढ़ना तेज़ आवाज़ में ऊँचा पढ़ना उसकी आँखें शेर सुनाती उनमें गज़ल का लहजा पढ़ना सारी रात उसी को लिखना फिर दिन में उसको सारा पढ़ना इश्क के ही इक मकतब में हमने सीखा है लिखना पढ़ना भूल जाओगे सारी किताबें कभी तुम उसका चेहरा पढ़ना रईस खान