चाँद होगा ना चाँदनी होगी : रईस खान

चाँद होगा ना चाँदनी होगी

दिल जलाकर ही रोशनी होगी


इन जुगनुओं का साथ भी क्या साथ

राह में फिर भी तीरगी होगी


उसके चेहरे पे लिखेंगे गज़ल

उसकी आँखों पे शायरी होगी


फूल खिलने लगे हैं बागों में

वो हलके से कहीं हंसी होगी


सारा दिन ज़िक्र आपका होगा

रात भर बात आपकी होगी


एक दिन आप मिल जायेंगे

एक दिन साथ ज़िंदगी होगी


रईस खान

Comments

Popular posts from this blog