आजा की इंतजार ए नजर हैं कभी से हम
आजा की इंतजार ए नजर हैं कभी से हम
मायूस ना हो जाए कहीं जिंदगी से हम
ऐ अक्स ज़ुल्फ ए यार हमें तो पनाह दे
घबरा के आ गए हैं बड़ी रोशनी से हम
बरसों रही है जिनसे रह व रस्म ए दोस्ती
उनकी नजर में आज हुए अजनबी से हम
उस रौनक ए बहार की महफिल में बैठकर
खाते रहे फरेब बड़ी सादगी से हम
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