आंसू अपने सपनों का जब शीशमहल न हो पाए : अमन अक्षर

आंसू अपने सपनों का जब शीशमहल न हो पाए
इक दूजे की खातिर दोनों फिर पागल न हो पाए
तुम इतने प्यारे थे तुमसे पूरी दुनिया सरल हुई
हम इतने मुश्किल थे जो तुमसे भी हल न हो पाए


Posted : by Raees Khan


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