मेरे चारहगर मेरे पास आ
मेरे चारहगर मेरे पास आ
मेरे दर्द की दे कोई दवा
मेरे आँखों में कोई ख्वाब दे
मेरे रतजगे का हिसाब दे
इक चाँद रख मेरी शाम पर
मेरा दिल जले तेरे नाम पर
तुझे गर मिले कभी फुरसतें
मुझे हैं बहोत सी शिकायतें
पर मुझे और कोई गिला नहीं
सिवा इसके कि तू मिला नहीं
रईस खान
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