खुद को इतना भी मत बचाया कर

 खुद को इतना भी मत बचाया कर

बारिशें हों तो भीग जाया कर


चाँद लाकर कोई नहीं देगा

अपने चेहरे से जगमगाया कर


रूप खिलता है मुस्कुराने से

कभी कभी ही सही, मुस्कुराया कर


लफ्ज़ आँखों से बयां होने लगते हैं

दिल की बातें ना यूँ छुपाया कर


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