आंसुओं से धुली ख़ुशी की तरह - Aansuon se dhuli khushi ki tarah

आंसुओं से धुली ख़ुशी की तरह
रिश्ते होते हैं शायरी की तरह

बर्फ सीने की जैसे – जैसे गली
आँख खुलती गयी कली की तरह

जब  कभी बादलों में घिरता है
चाँद लगता है आदमी की तरह

किसी रोज़ किसी दरीचे से
सामने आओ रोशनी की तरह

ख़ूबसूरत,  उदास,  ख़ौफ़ज़दा
वोह भी है इक्कीसवीं सदी की तरह

हम खुदा बनके आयेंगे वरना !
हमसे मिल जाओ आदमी की तरह

Posted by : Raees Khan

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