एक नज़र के बदले मंज़र छोड़ दिए


एक नज़र के बदले मंज़र छोड़ दिए
बूँद मिली तो सात समंदर छोड़ दिए

तेरे बाद के सावन की हर बारिश ने
दिल के खास इलाके बंजर छोड़ दिए

जाते-जाते उसने दिल की नदी से
पानी साथ लिया और पत्थर छोड़ दिए

बोझ ज्यादा होने के अंदेशे से
एक मुसाफिर तितली ने पर छोड़ दिए

ख्वाब नगर का नक्शा लेकर आंखों में
बसे बसाए लोगों ने घर छोड़ दिए

जुल्मत के वह बागी थे जिन लोगों ने
हक की खातिर अपने लश्कर छोड़ दिए

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