इतनी मुद्दत बाद मिले हो - Itni muddat baad mile ho

इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचों में गुम फिरते हो
हर आहट पे चौकजाते हो
इतने सहमेक्यूँ रहते हो
में दरिया से भी डरता हूँ
तुम दरिया से भी गहरे हो
कौन सी बात है तुम में ऐसी
इतने अच्छे क्यूँ लगते हो
कहने को रहते हो दिल में
फिर भी कितने दूर खड़े हो
रात हमें कुछ याद नहीं था
रात बहुत ही याद आए हो
हम से पूछो हिज्र के क़िस्से
अपनी कहो अब तुम कैसे हो

जाओ जीत का जश्न मनाओ
मैं झूठा हूं तुम सच्चे हो

Posted by : Raees Khan

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