लहरा के झूम झूम के ला मुस्कुरा के ला - Lehra ke jhoom jhoom ke la


लहरा के झूम झूम के ला मुस्कुरा के ला
फूलों के रस में चाँद की किरनें मिला के ला
कहते हैं उम्र-ए-रफ़्ता कभी लौटती नहीं
जा मय-कदे से मेरी जवानी उठा के ला
साग़र-शिकन है शैख़-ए-बला-नोश की नज़र
शीशे को ज़ेर-ए-दामन-ए-रंगीं छुपा के ला
क्यूँ जा रही है रूठ के रंगीनी-ए-बहार
जा एक मर्तबा उसे फिर बुला के ला

Posted by Raees Khan

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