कितना दुशवार है जज़्बों की तिज़ारत करना - Kitna dushwar hai...

 कितना दुशवार है जज़्बों की तिज़ारत करना
एक ही शख्स से दो बार मोहब्बत करना
जिसको तुम चाहो कोई और ना चाहे उसको
इसको कहते हैं मोहब्बत में सियासत करना

Posted by : Raees Khan


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