लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी - Lab pe aati hai.....

नज़्म / Nazm

लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी

ज़िन्दगी शम्मा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी

दूर दुनिया का मेरे दम अँधेरा हो जाये
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाये

हो मेरे दम से यूँ ही मेरे वतन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत

ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब
इल्मकी शमअ से हो मुझको मोहब्बत या रब

हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायतकरना
दर्द-मंदों से ज़इफ़ोंसे मोहब्बत करना

मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको
नेक जो राह हो उस राह पे चलाना मुझको

Posted by : Raees Khan Dudhara

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