तुम्हारे जिस्म की ख़ुश्बू गुलों से आती है - Tumhare jism ki khushbu......
तुम्हारे जिस्म की ख़ुश्बू गुलों से आती है
ख़बर तुम्हारी भी अब दूसरों से आती है
हमीं अकेले नहीं जागते हैं रातों में
उसे भी नींद बड़ी मुश्किलों से आती है
हमारी आँखों को मैला तो कर दिया है मगर
मोहब्बतों में चमक आँसुओं से आती है
इसी लिए तो अँधेरे हसीन लगते हैं
कि रात मिल के तिरे गेसुओं से आती है
ये किस मक़ाम पे पहुँचा दिया मोहब्बत ने
कि तेरी याद भी अब कोशिशों से आती है
Posted by Raees Khan
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