भूल शायद बहुत बड़ी कर ली - Bhool shayad bahot badi kar li

गज़ल

भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली

तुम मुहब्बत को खेल कहते हो
हम ने बर्बाद ज़िन्दगी कर ली

उस ने देखा बड़ी इनायत से
आँखों आँखों में बात भी कर ली

आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है
बेवफ़ाई कभी कभी कर ली

हम नहीं जानते चिराग़ों ने
क्यों अंधेरों से दोस्ती कर ली

धड़कनें दफ़्न हो गई होंगी
दिल में दीवार क्यों खड़ी कर ली

                     Posted by : Raees Khan

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